Intro of Atriyam

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Story of Awnto
Chapter 1


चलिए प्रारम्भ करते है

आज का समय :-

यह कहानी हैं अवन्तो की
कौन हैं अवन्तो ?
अवन्तो 12 वर्ष का बालक हैं
जो साधारण बालक से 1000 गुना
चतुर , जिज्ञासु ,तार्किक आदि-आदि हैं
आसान भाषा में =>
अवन्तो = 1000x(साधारण बालक)
ऐसा कैसे हुआ आइये जानते हैं ।

इसका पूरा नाम हैं
अत्रियम् वाकुल्य नाल्न्दः तक्शिलाम ओउ्म्(ॐ)
कम शब्दों में अवन्तो (अवनतओ)
Atriyam Wakulyah Nalandh Takshilaam Oahm
in Short AWNTO

आज से 35 साल पहले :-
(35 years ago)

सब यही सोचते हैं कि मेरे पिताजी सिर्फ एक सरकारी अध्यापक हैं पर उनका इतिहास कुछ अलग हैं ।

चुम्बकाणू (Magnetosium) की खोज के कारण मेरे पिताजी पूरा विश्व घूम चुके थे ।
(चुम्बकाणू एक ऐसा पदार्थ हैं जो जीवित प्राणियो के शारीरिक विकास को रोक सकता हैं कुछ यूं समझे कि मनुष्य का सर्वांगीण विकास तो हो सकता हैं पर उसकी उम्र नहीं बढ़ती और मनुष्य की सोच व बल 1000 गुना बढ़ा देता हैं । लेकिन अगर इसे सही तरह इस्तेमाल न किया गया तो यह बेहद खतरनाक व घातक होता हैं)

मेरे पिताजी की गणना के अनुसार चुम्बकाणू
उत्तर-पश्चिमी राजस्थान में करीब 400km नीचे हैं ।

पर एक बात थी जो मेरे पिताजी नहीं जानते थे की चुम्बकाणू की खोज उनसे भी पहले किसी ने कर ली थी , उनका नाम है ऋषि वाकुल्य




प्राचीन काल :-

बहुत बहुत समय पहले

चुम्बकाणू की खोज में ऋषि वाकुल्य अपने परिवार , प्रिय मित्र वरुण व अविश्वनीय सर्प जिसका नाम रक्तध्री था , को लेकर पृथ्वी के उत्तरी धुर्व की अक्ष पर गए जहाँ कोई नहीं रहता,
उसी तरह जैसे मेरे पिताजी राजस्थान आये ।

ऋषि वाकुल्य के 2 बेटे , 1 बेटी थी
और उनकी पत्नी का नाम नाल्न्दः था ।

करीब तीन माह की लगन और कड़ी मेहनत के बाद एक दिन ऋषि वाकुल्य ने चुम्बकाणू को खोज निकाला । अब ऋषि वाकुल्य चुम्बकाणू के साथ प्रयोग करने लगे , लेकिन एक प्रयोग के दौरान चुम्बकाणू
में श्रृंखला अभिक्रिया (chain reaction) प्रारंभ हो गई औए उसमे विस्फोट हो गया ।

विस्फोट में शायद 4 जने जीवित बच गए
1. अत्रियम् (12साल) [ऋषि वाकुल्य का बेटा]
2. वरुण (38years) [ऋषि वाकुल्य का मित्र]
3. रक्तध्री [अविश्वनीय सर्प][Incredeble Snake]
4. धेनू [गाय]

चुम्बकाणू के विस्फोट से उन चारों के DNA में कुछ बदलाव
आये जैसे वरुण का DNA मनुष्य के पुराने DNA में बदल गया।
और अत्रियम् बालक होने के कारण comma में जा चुका था ।

अब केवल वरुण ही कुछ करने योग्य बचा था
वरुण ने अनेक प्रयत्न किये अत्रियम् को होश में लाने के लिए पर हर बार नाकाम रहा ।

अन्त में मीलों-मीलों दूर जाकर बचे हुए चुम्बकाणू को अत्रियम् व रक्तध्री(snake)(सुरक्षा के लिए) के साथ समुन्द्र में वरुण द्वारा दफनाया दिया गया ।
चुम्बकाणू के अधिक तेज़ से समुन्द्र का स्तर धीरे-धीरे कम होने लगा समय के साथ समुन्द्र का स्तर घटता ही चला गया और समुद्रीतल तक आ पहुंचा जो विशाल वीरान बंज़र में तब्दील हो गया जिसे आज हम राजस्थान व मरुस्थल के नाम से जानते हैं ।

[Did you know that very very time ago , the place where Rajasthan is located is a part of sea]

हम सभी वरुण और रक्तध्री को जानते हैं
पर किसी ओर नाम से जैसे
बजरंगबली हनुमान , Monkey King व शेषनाग ।




आज से 35 साल पहले :-

मेरे पिताजी चुम्बकाणू की खोज में जुटे हुए हैं
लेकिन वे इसके साथ जुड़े हुए ख़तरे अविश्वनीय सर्प रक्तध्री के बारे नहीं जानते ।


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कहानी जारी हैं अगले अध्याय में

आखिर क्या होगा अगले अध्याय में Click


Some questions may rise in your mind that

Why Awnto looks like Author

How 4 of them remain alive in huge nuclear explosion of
nuclear chain reaction

Eyeside of Awnto is Perfect then why Speckes

What happens between
King Taksilam and Wakulyah

How Wakulyah find Magnetosium

How Awnto came in 20th century

How Author knows about Awnto

Mistry of incredeble snake Raktdhri

Varun action after he knows that someone trying to find Magnetosium

What Happens in last 35 years

What happens with dhenu Cow

How magnetosium came to earth

Awnto (अवन्तो)
Awnto (अवन्तो)

Atriyam (अत्रियम्)
Atriyam (अत्रियम्)

Varun (वरुण)
Varun (वरुण)

Incredeble snake Raktdri (रक्तध्री)
Incredeble snake Raktdri (रक्तध्री)

Author's father
Author's father

King Taksilaam (राजा तक्शिलाम)
King Taksilaam (राजा तक्शिलाम)

Magnetosium (चुम्बकाणू)
Magnetosium (चुम्बकाणू)

Wakulyah (ऋषि वाकुल्य)
Wakulyah (ऋषि वाकुल्य)

Dhenu (धेनू)
Dhenu (धेनू)

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The story of Awnto
is based on ancient stories
and Awnto is medium
for those stories.

Rishabh Sarswa
Author

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